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पीएम के गढ़ में गरजे यूपी के सीएमः कांग्रेस व आप पर साधा निशाना, बोले- आतंकवाद का हितैषी है आप, कांग्रेस मान चुकी हार

गिर सोमनाथ/भावनगर/अमरेली। पीएम मोदी के गृह राज्य में उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ खूब गरजे और निशाने पर रही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी। योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को चौथे दिन भी उन्होंने तीन जनसभाएं कीं। रैली का आगाज उन्होंने भगवान सोमनाथ के मंदिर में दर्शन व पूजन-अर्चन से किया। इसके बाद तीनों विधानसभा (सोमनाथ, गरियाधार और सावरकुंडला) में जनसभा की। योगी आदित्यनाथ को गुजरात में देखने व सुनने काफी भीड़ उमड़ रही है। योगी आदित्यनाथ ने भी आस्था, पीएम की कार्यशैली, यूपी की कानून व्यवस्था, समृद्ध गुजरात के बलबूते भाजपा प्रत्याशियों को जिताने की अपील की।

दिल्ली से आम आदमी पार्टी का नमूना यहां आया है

योगी आदित्यनाथ ने सोमनाथ से भाजपा प्रत्याशी मान सिंह भाई परमार के पक्ष में जनसभा की। यहां बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, फिर गुजराती भाषा में जनमानस दिल्ली से आम आदमी पार्टी का नमूना यहां आया है, का अभिवादन किया। आम आदमी पार्टी भी योगी आदित्यनाथ के निशाने पर रही। बोले कि दिल्ली से आम आदमी पार्टी का नमूना यहां आया है, वह आतंकवाद का हितैषी है, राम मंदिर का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि सोमनाथ मंदिर का पुनरोद्धार हो, लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल की दृढ़ इच्छाशक्ति से यह संभव हुआ।

मोदी जी सीएम बने तो दंगा समाप्त, पीएम बने तो आतंकी हमले
गरियाधार विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार केशू भाई नकरानी के पक्ष में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुजरात की धरती महान है। उन्होंने कहा कि मोदी जी जब सीएम बने तो कर्फ्यू-दंगा और जब पीएम बने तो आतंकी हमले समाप्त हो गए। कांग्रेस व आप समाज को तोड़ती है, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है और भाजपा का राष्ट्रवाद बिना भेदभाव सबका साथ और सबके विकास का भाव रखता है। किसी भी स्वाभिमानी को कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की तरफ नहीं जाना चाहिए। दोनों दल सत्तालोलुप हैं।
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राजनीति के नमूनों को देख आनंद लीजिये, विश्वास न कीजिये
अमरेली जनपद की सावरकुंडला विधानसभा के प्रत्याशी महेश भाई कशवाला के लिए वोट मांगा। बोले कि हर नागरिक को अहसास कराया गया कि देश के प्रति सिर्फ अधिकार नहीं, कर्तव्य भी है। इस बार यहां कांग्रेस पहले ही हार स्वीकार कर चुकी है। दोनों भाई बहन चुनाव से गायब हैं, यही उनकी हार का परिणाम है। यह सब भारतीय राजनीति के नमूने हैं।

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