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मोटापा घटाने वाली ओजेंपिक दवा के साइड इफेक्ट्स में नया नाम ‘ओजेंपिक फीट’, जानिए क्या है यह समस्या?

आज के समय में तेजी से वजन घटाने के लिए ओजेंपिक (Ozempic) जैसी दवाएं काफी लोकप्रिय हो गई हैं। यह दवा टाइप 2 डायबिटीज़ के इलाज के साथ-साथ वजन घटाने के लिए भी इस्तेमाल की जा रही है। जहां यह दवा मोटापे से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए राहत बनी है, वहीं अब इसके कुछ अनदेखे साइड इफेक्ट्स भी सामने आने लगे हैं। पहले “ओजेंपिक फेस” की चर्चा थी, और अब नया शब्द सामने आया है — ‘ओजेंपिक फीट’।

क्या है ओजेंपिक फीट?

  • ‘ओजेंपिक फीट’ वह स्थिति है जिसमें तेज़ी से वजन घटने के कारण पैरों की त्वचा, संरचना और कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
  • पैरों की त्वचा का झुर्रीदार या ढीला हो जाना
  • चलने में दर्द या असहजता
  • जूते ढीले लगना या शू साइज का बदल जाना
  • तलवों की फैट पैड्स का कम हो जाना
  • नसों और टेंडन का स्पष्ट दिखना
  • यह स्थिति न केवल पैरों की खूबसूरती प्रभावित करती है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी पैदा कर सकती है।

क्यों होता है ये असर?

डॉक्टरों के अनुसार जब शरीर तेजी से वजन खोता है, तो पैर के तलवे में मौजूद फैट पैड्स भी घटने लगते हैं। ये फैट पैड्स आमतौर पर कुशन की तरह झटकों को अवशोषित करते हैं, जिससे चलना आरामदायक रहता है। लेकिन जब ये गायब हो जाते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे व्यक्ति सीधे हड्डियों पर चल रहा हो — जिससे दर्द, जलन, और थकान हो सकती है।

कितना आम है यह साइड इफेक्ट?

वर्तमान में इस बारे में बहुत सीमित डेटा उपलब्ध है। हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि लोग आमतौर पर चेहरे पर हुए बदलावों पर अधिक ध्यान देते हैं और पैरों के लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही कारण है कि ‘ओजेंपिक फीट’ की रिपोर्टिंग अभी कम है। लेकिन जैसे-जैसे इस दवा का चलन बढ़ेगा, इस पर और रिसर्च की ज़रूरत होगी।

डायबिटीज़ के मरीज रहें सतर्क

ओजेंपिक का उपयोग अक्सर डायबिटीज़ के मरीजों में किया जाता है, और ऐसे मरीजों को खासतौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। यदि किसी को पैरों में असहनीय दर्द, सुन्नपन या जलन, त्वचा में असामान्य बदलाव, महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुछ मामलों में यह नर्व डैमेज का संकेत भी हो सकता है।

रोकथाम और देखभाल के उपाय

  • हाइड्रेशन और रेगुलर मॉइश्चराइज़िंग से त्वचा की गुणवत्ता बनाए रखें
  • आरामदायक और सपोर्टिव फुटवियर पहनें
  • जरूरत पड़ने पर ऑर्थोटिक इनसोल या पोडियाट्रिस्ट की सलाह लें
  • दवा का उपयोग हमेशा डॉक्टर की निगरानी में ही करें

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